शाजापुर। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य कोरोना काल में वर्चुअल शिशु वाटिका वर्ग का 5 दिवसीय आयोजन किया जा रहा है, जिसमें शाजापुर विभाग के सरस्वती विद्या मंदिर शिशु वाटिका के शिक्षक शामिल हो रहे हैं। प्रशिक्षण वर्ग के दूसरे दिन आयोजित पहले सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर अंबिकादत्त कुंडल सम्मिलित हुए। वहीं अध्यक्षता भंवरसिंह राठौर ने की। विशेष अतिथि के रूप में विष्णु नारोलिया रहे। इस मौके पर कुंडल ने कहा कि मां के द्वारा बनाया गया भोजन ही शुद्ध होता है, जबकि बाजार की खाद्य सामग्री नहीं, इसलिए बच्चों को बिस्कुट, चॉकलेट नहीं खिलाना चाहिए। द्वितीय सत्र में अर्चना परिहार ने विभिन्न योग मुद्राएं बताईं, जिससे बच्चों में शारीरिक कौशल का विकास हो सके। तीसरे सत्र में कल्पना दंडवते एवं ममता जैन द्वारा अपने आसपास की दैनिक वस्तुओं से विज्ञान विषय का परिचय करवाया। चौथे शिक्षण सत्र में आईसीटी का प्रयोग राजपालसिंह सिसोदिया ने प्रस्तुत किया। उन्होने बताया कि किस प्रकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग कर बच्चों को शिक्षा दी जा सकती है।
