अधीक्षण यंत्री कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे कर्मचारी, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
शाजापुर। बिजली कंपनी आउटसोर्स कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है और हड़ताल के पहले दिन सोमवार को कर्मचारियों ने अधीक्षण यंत्री कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इसके बाद कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि केन्द्र सरकार के आल इंडिया कंज्यूमर प्राईज इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर को आधार बनाकर तैलंगाना और अन्य राज्य अपने यहां के आउटसोर्स दैनिक वेतन भोगी संविदा कर्मचारियों को केन्द्र के समकक्ष न्यूनतम वेतन प्रदान कर रहे हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन उस अनुपात से नही दिया जा रहा है, जिसे बढ़ाया जाए। मप्र के बिजली क्षेत्र से ठेकेदारी कल्चर समाप्त कर आउटसोर्स रिफार्म नीति बनाई जाए, इस हेतु लघु, छोटे पद सृजित कर अर्थात छोटा कैंडर बनाकर ठेका कर्मियों का इन पदों पर संविलियन कर उन्हें विनियमित किया जाए और ठेका कर्मियों को बिजली कंपनी से ही सीधा वेतन दिलाया जाए, बिजली आउटसोर्स सबस्टेशन ऑपरेटर, पॉवर प्लान्ट ऑपरेटर एवं हेल्परों तथा सुरक्षा सैनिकों को सप्ताहिक अवकाश अनिवार्यत: दिए जाने हेतु स्पष्ट आदेश जारी किए जाए, साप्ताहिक अवकाश के दिन ठेका संविदा कर्मियों से काम लिए जाने पर उन्हें सीऑफ इंकेशमेंट दिया जाए, नियमित कर्मियों की तरह आउटसोर्स संविदा कर्मियों को भी राष्ट्रीय त्यौहार पर काम करने के ऐवज में एडिशनल वेजेस एलांउस प्रदान करने संबंधी प्रावधान किया जाए, क्योंकि ठेका कर्मियों को राष्ट्रीय त्यौहार की पात्रता है किन्तु उन्हें दीपावली सहित अन्य त्यौहारों पर जनहित में काम करने पर मजबूर होना पड़ता है। बिजली आउटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटर 33/11 केव्ही 132/220 केव्ही सब स्टेशन ऑपरेटर एवं पावर प्लांट ऑपरेटरों को कुशल श्रमिक के स्थान पर उच्च कुशल श्रमिक का मासिक मानदेय प्रति माह प्रदान किया जाए, मप्र के स्वास्थ्यकर्मियों की तरह आपातकालीन बिजली ठेका संविदाकर्मियों को भी 3 हजार रुपए प्रोत्साहन भत्ता प्रदान किया जाए, सभी 6 बिजली कम्पनी के ठेका श्रमिकों को बोनस दिया जाए, मप की 6 बिजली कम्पनियों में पूर्व से काम कर रहे 45 साल उम्र पार कर चुके ठेकाकर्मियों को 60 वर्ष तक सेवा में रखे जाने हेतु आदेश जारी किया जाए, हटाए गए ठेकाकर्मी वापिस सेवा में रखे जाएं, मप्र में बढ़ती बिजली दुर्घटनाओं को देखते हुए बिजली आउटसोर्स सब स्टेशन ऑपरेटर, पावर प्लांट ऑपरेटर एवं हेल्परों को एनपीएस या अन्य स्कीम के तहत 3 माह का तकनीकि प्रशिक्षण अनिवार्यत: दिए जाने हेतु आदेश जारी किए जाए, ठेकेदारी प्रथा के दौरान विद्युत दुर्घटना में मृतक हुए सभी बिजली आउटसोर्स ठेकाकर्मियों के परिजनों के संविदा नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान करने हेतु आदेश जारी किए जाए, आउटसोर्स कर्मियों को उनके गृह स्थान से अधिकतम पांच किलोमीटर दूरी से अधिक दूरी पर ट्रान्सफर नहीं किया जाए, क्योंकि अल्पवेतन पाने वाले आउटसोर्स कर्मियों के वेतन का बड़ा हिस्सा ट्रान्सपोटेशन में ही खर्च हो जाता है। आउटसोर्स कर्मियों से उनके पद के अनुरूप काम करवाया जाए, सुरक्षा गार्ड से केवल सुरक्षा गार्ड का ही काम करवाया जाए, मप्र की ट्रान्समिशन,ख् जनरेशन लिंगों में जारी छोटे पेटी कॉन्टेक्ट खत्म किया जाए, प्रदेश की सभी 6 बिजली कम्पनियों में ठेकाकर्मियों को ऑफर लेटर, आई कार्ड, हर माह वेतन पर्ची, इंश्योरेंस और ईएसआईसी कार्ड की प्रति अनिवार्यता दी जाए, मासिक वेतन समय पर दिया जाए। ज्ञापन देते समय तरूण गिरी, महेंद्रसिंह राठौड़, हर्र्षद वर्मा, लक्ष्मणसिंह डोडिया, शेरसिंह राजपूत, मोड़सिंह गुर्जर, विकास मेवाड़ा, राजेंद्र मेवाड़ा, जगदीश गुप्ता, भीमाशंकर प्रजापति, निर्भयसिंह कराड़ा, सुरेश दशलानिया, राहुल खत्री, सियाराम पाटीदार, पवन शर्मा आदि मौजूद थे।
