प्रष्नोत्तरी प्रतियोगिता में विद्यार्थियों के उत्कृष्ट विचारो पर विजेताओं को अपर जिला जज एवं सचिव श्री सुरेन्द्र सिंह गुर्जर नें किया सम्मानित।
आज शासकीय उत्कृष्ट उमावि क्रमांक 1 में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला शाजापुर के तत्वावधान में घरेलू हिंसा अधिनियम, लैंगिक दुर्व्यवहार व पाक्सो एक्ट पर आयोजित प्रतियोगिता का समापन प्राधिकरण के जिला सचिव व एडीजे श्री सुरेंद्र सिंह जी गुर्जर सर के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुवा।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी श्री के के अवस्थी जी ने की।कार्यक्रम का शुभारंभ दिप प्रज्जवलन व माल्यार्पण से प्रारम्भ हुवा तथा अतिथि परिचय श्री मति रेखा पुरोहित व स्वागत भाषण श्री कमलेश नागर ने दिया। विधिक साक्षरता क्लब की वार्षिक गतिविधियों का प्रतिवेदन व आगामी कार्यक्रमो का रूपरेखा क्लब प्रभारी आशीष जोशी ने रखी। अध्यक्षीय भाषण देते हुवे श्री अवस्थी जी ने बताया कि स्कूलों में विधिक क्लब की सार्थकता अधिक है क्योंकि यही पर भावी नागरिक तैयार होते है। मुख्य अतिथि श्री सुरेंद्र सिंह जी गुर्जर जी ने कहा कि सबके लिए न्याय कैसे उपलब्ध होगा व सभी की न्याय सम्मत गरिमा को बनाये रखने हेतु विधिक सेवा बोर्ड कैसे कार्य करता है व स्वतः संज्ञान लेकर कैसे नागरिको के मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों की रक्षा करता है पर सहज व सरल तरीके से अपनी बात रखी। साथ ही प्रतियोगिता के विजेता छात्रों कु दिशा व दीक्षा सोनी प्रथमएपीयूष बोयल व मयंक मालवीय द्वितीय व अमन मरु तृतीय को प्रशस्ति पत्र को सम्मानित किया।कार्यक्रम में चाइल्ड लाइन व समाज सेवी श्री मति सीमा शर्मा व च्स्टष्े निकिता टेलर विधिक सेवा से श्री योगेंद्र ठाकुर,श्री मनोहर सिंह मालवीय जी श्री जैद खान विद्यालय से वरिष्ठ शिक्षिका श्री मति विजय सक्सेना, श्री देवप्रकाश श्री वास्तव ,शीतल श्री वास्तव रेखा गहलोत, वर्षा जैसवाल, प्रियंका पटेल व विधिक सेवाक्लब के सदस्य विद्यालय के कक्ष 9 से लेकर 12 तक के 50 विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन क्लब प्रभारी आशीष जोशी व आभार शीतल श्रीवास्तव ने माना, अंत मे विधिक सेवा की और से सभी छात्रों को आकर्षक उपहार व बिस्कुट भी वितरित किये गए व सभी छात्रों ने अपने आसपास न अपराध करने देना व न करना का संकल्प भी लिया। आगे उन्होने ने बताया कि वह व्यक्ति तरक्की कर पाता है जिसकी जड़े मजबुत हो। बच्चो को पढ़ाई पर विषेष घ्यान देना चाहिए और नए विचारों को प्राथमिकता देना चाहिए क्योंकि आज की तारीख में कोई भी व्यवसाय इतनी तरक्की नहीं कर सकता है जितना की नये विचारों के द्वारा प्रारंभ किया गया व्यवसाय कर सकता है।
