शाजापुर। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण किए जाने के फैसले के खिलाफ बैंक अधिकारी और कर्मचारियों ने मोर्चा खोलते हुए आंदोलन करना शुरू कर दिया है। इसीके चलते सोमवार को यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के बैनरतले शाजापुर बैंक कर्मचारियों ने दो दिवसीय हड़ताल की शुरुआत की। इस दौरान एबी रोड स्थित एसबीआई बैंक मुख्य शाखा के सामने बैंक कर्मचारियों ने मोदी सरकार के फैसले के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के जिला संयोजक प्रदीप तिवारी ने बताया कि 2021 के बजट में मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण किए जाने का प्रस्ताव रखा है। सरकार के इस फैसले से आम जनता की पहुंच से बैंक सेवाएं दूर हो जाएंगी, क्योंकि वर्तमान में निजी बैंकों में बचत खाता खुलवाने के लिए भारी रकम देना पड़ती है, जबकि राष्ट्रीयकृत बैंकों में जीरो बैलेंस पर खाता खोल दिया जाता है। सरकार द्वारा राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण किया जाना पूरी तरह से गलत है, जिसको लेकर 2 दिन की हड़ताल की जा गई है। तिवारी ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने बैंकों के निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया तो देशभर में बैंक कर्मचारी अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल करेंगे। तिवारी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बैंकों का निजीकरण खत्म कर उन्हें राष्ट्रीय कृत करने का काम किया था, लेकिन मोदी सरकार इसके विपरीत बैंकों का निजीकरण कर आमजन को परेशानी में डालने का प्रयास कर रही है, जिसका देशभर के बैंक कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।
जनहित के लिए कर रहे आंदोलन
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा सरकारी संस्थाओं का तेजी से निजीकरण किया जा रहा है और इसीके चलते सरकार राष्ट्रीयकृत बैंकों का भी निजीकरण करने जारी रही है। सरकार की इसी निजीकरण नीति को लेकर सोमवार को बैंक कर्मचारियों ने विरोध स्वरूप दो दिनों की हड़ताल शुरू की है। हड़ताल के दौरान बैंक कर्मचारियों ने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण किया जाना आमजन के लिए परेशानीभरा साबित होगा और जनहित के चलते बैंक कर्मचारी सरकार के निजीकरण फैसले को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। सरकार ने निजीकरण का फैसला नही बदला तो देशभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो जाएगी।
