शाजापुर। आसमान पर चांद दिखने के साथ ही रहमतों के महीने रमजान की शुरूआत हो गई और रविवार को पहला रोजा रहा। इबादत और बरकतों के इस महीने को लेकर बाजार में भी चहल-पहल दिखाई दी। गौरतलब है कि माहे रमजान को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों ने पंद्रह दिनों पूर्व से ही तैयारियां करना शुरू कर दिया था और इसीके चलते घरों की सफाई के साथ ही मस्जिदों में भी विशेष रंग-रोगन और सजावट का काम शुरू हो गया था। शनिवार को चांद दिखने की तस्दीक होने पर मस्जिदों में तरावीह की विशेष नमाज अदा की गई। इस्लामी मान्यता के अनुसार माहे रमजान को अन्य महीनों से ज्यादा अजमत और बरकत वाला माना गया है। कहा जाता है कि इस माह में की गई खुदा की इबादत बाकि महीनों से अफजल होती है। यही कारण है कि रमजान के पहले दिन से ही मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ बढऩे लगी है और हर कोई अपने रब को मनाने के लिए सजदे में सिर झूकाता नजर आ रहा है।
तरावीह की विशेष नमाज शुरू
उल्लेखनीय है कि शनिवार को माहे मुबारक रमजान की शुरूआत के साथ ही मस्जिदों में 20 रकआत के साथ पढ़ी जाने वाली तरावीह की विशेष नमाज का सिलसिला भी शुरू हो गया है। ईशा की नमाज के समय पढ़ी जाने वाली इस नमाज की बड़ी फजीलत है। चांद दिखने के बाद मुस्लिमजनों ने अपने रब की रजा के लिए सेहरी करते हुए रविवार को पहला रोजा रखा और रोजे रखने का यह सिलसिला तीस दिनों तक जारी रहेगा। गौरतलब है कि माहे रमजान सब्र, प्रेम और भाईचारे के साथ-साथ अल्लाह की इबादत का एक खास महीना है। इस्लाम धर्म को मानने वाला हर मुसलमान रमजान का बेसब्री से इंतजार करता है। यही वजह है कि रमजान शुरू होते ही हर रोजेदार की दिनचर्या बदल गई है और वे सवेरे जल्दी उठकर अपने रब की इबादत करने में मशगूल हो गए हैं।
बाजार हुए गुलजार
रमजान माह के प्रारंभ होते ही बाजार गुलजार होने लगे हैं। रोजेदारों के इफ्तार के लिए इफ्तारी की दुकानें सजकर तैयार हो गई हैं, जिन पर मगरिब के नमाज के पूर्व भारी भीड़ खरीदी के लिए जमा दिखाई देने लगी है। पहले रोजे पर रविवार को बस स्टैंड, नई सडक़, आजाद चौक, छोटा चौक, महूपुरा नदी चौराहा पर इफ्तारी खरीदी के चलते रौनक बनी रही। वहीं मस्जिदों में भी आम दिनों की अपेक्षा नमाजियों की संख्या में भारी इजाफा दिखाई दिया।
