नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करते समय अभ्यर्थी के साथ दो व्यक्ति को ही मिलेगा प्रवेश
शाजापुर। त्रि स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन के लिए प्रथम एवं द्वितीय चरण हेतु 13 दिसम्बर को अधिसूचना के प्रकाशन के साथ ही नाम निर्देशन प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नाम निर्देशन पत्र दाखिल करते समय अभ्यर्थी के साथ दो ही व्यक्ति रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में प्रवेश कर सकेंगे। नाम निर्देशन पत्र निर्धारित स्थल पर सुबह 10.30 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक प्रस्तुत किए जा सकेंगे। सार्वजनिक अवकाश के दिन नाम निर्देशन पत्र प्राप्त नहीं किए जाएंगे। पंच, सरपंच, जनपद सदस्य पद के लिए कोई भी व्यक्ति अधिकतम दो ही नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। जब किसी व्यक्ति के द्वारा एक स्थान के लिए दो नाम निर्देशन पत्र जमा किए जाएं तो उसे एक से अधिक निक्षेप की राशि जमा करने की आवश्यकता नही होगी, लेकिन यदि कोई एक से अधिक पदों के लिए नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करता है तो उसे सभी पदों के लि निक्षेप राशि जमा करना होगी। निर्वाचन आयोग द्वारा निक्षेप राशि का निर्धारण किया गया है, जिसके अनुसार पंच पद के लिए 400 रुपए, सरपंच के लिए 2000 रुपए, जनपद सदस्य के लिए 4000 रुपए और जिला पंचायत सदस्य के लिए 8000 रुपए है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला अभ्यर्थियों को पद अनुसार निक्षेप राशि का आधा भाग ही जमा करना होगा। पद के लिए नाम निर्देशन पत्र के साथ अभ्यर्थी को निर्धारित प्रारूप में घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा और सरपंच, जनपद सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य के लिए निर्धारित प्रारूप में शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। निर्वाचन आयोग द्वारा अभ्यर्थियों की निर्हता घोषित की गईं है, जिसके अनुसार कोई भी व्यक्ति पंच-सरपंच, जनपद एवं जिला पंचायत सदस्य के रूप में निर्वाचन या नाम निर्देशन पत्र के लिए पात्र नहीं होगा, जो भारत का नागरिक नहीं है। शासकीय सेवक है, वेतन या मानदेय के रूप में पारिश्रमिक पाता है या स्थानीय प्राधिकारी की सेवा में है, या सक्षम न्यायालय के द्वारा न्याय निर्णित किया जा चुका है या अनुमोचित दिवालिया है या भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति अभक्ति के कारण सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी की सेवा से पदच्युत कर दिया गया है और उसकी 5 वर्ष की कालावधि समाप्त नहीं हुई है या भारत के किसी न्यायालय द्वारा किसी अपराध के लिए सिद्ध दोष ठहराया गया हो, 2 वर्ष से न्यून कालावधि के कारावास से दंडित किया गया हो, दंडादेश भुगतने के पश्चात छोड़े जाने से 6 वर्ष की कालावधि न बीत चुकी हो, जमाखोरी, मुनाफाखोरी आदि विधि के किन्हीं उपबन्धों के उल्लंघन के लिए दोष सिद्ध ठहराया गया हो, दंडादेश भुगतने के पश्चात 6 वर्ष की कालावधि व्यतीत न कर चुका हो। पंचायत के साथ उसके द्वारा या उसकी ओर से की गई किसी संविदा में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कोई हित रखता हो या जिसने संपूर्ण शौध्यों का संदाय नहीं किया है, जो पंचायत द्वारा वसूली योग्य है, जिसने पंचायत तथा सरकार की किसी भूमि या भवन पर अतिक्रमण किया है, सरकारी प्लीडर है या वह राज्य की विधानसभा के निर्वाचन आदि के लिए निर्हरित किया गया हो, महिला के विरूद्ध किसी अपराध का दोष सिद्ध हो, राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन व्ययों का लेखा दाखिल करने में असफल रहा हो। राज्य विद्युत मंडल या उसकी कंपनियों को 6 माह से अधिक कालावधि का कोई शौध्यो बकाया हो को निरर्हता की परिधि में रखा गया है।
