शाजापुर। नवनियुक्त नर्सिंग स्टॉफ ने पूर्व की भांति शत प्रतिशत वेतन दिए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार राजाराम करजरे को ज्ञापन सौंपा। गुरुवार को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मप्र भोपाल द्वारा प्रदेश के सम्पूर्ण जिलों के शासकीय चिकित्सालयों में लगभग 1001 रिक्त नियमित पदों पर नर्सिंग स्टॉफ की नियुक्ति माह नवम्बर 2020 में की गई थी। ज्ञापन में बताया कि नव नियुक्त स्टॉफ के साथ सरकार द्वारा दोगली नीति अपनाई जा रही है। यही कारण है कि को पूर्व की भांति प्रचलित शत-प्रतिशत वेतन के स्थान पर मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भवन भोपाल द्वारा 12 दिसंबर 2019 में दिए गए निर्देशानुसार स्टॉफ को प्रथम वर्ष 70 प्रतिशत, द्वितीय वर्ष 80 प्रतिशत तथा तृतीय वर्ष 90 प्रतिशत वेतन प्राप्त होकर चतुर्थ वर्ष में शत-प्रतिशत वेतन की पात्रता देने का आदेश दिया है। साथ ही परिविधि अवधि की समयावधि भी बढ़ाकर तीन वर्ष कर दी गई है। ज्ञापन में मांग की गई कि नर्सिंग स्टॉफ को वेतनमान पीबी1- 5200, 20200+2800 ग्रेड पे के हिसाब से शत प्रतिशत वेतन दिया जाए, क्योंकि कोविड 19 की महामारी के बीच भी नर्सिंग स्टॉफ कोविड वार्डों में भर्ती गंभीर मरीजों के साथ अपनी जान जोखिम में डालकर पदीय दायित्वों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा एवं कर्तव्य से कर रहा है। नर्सिंग कर्मचारियों ने बताया कि वे सीनियर स्टॉफ नर्सों की भांति ही कार्य कर रही हैं, लेकिन इसके बाद भी नवनियुक्त नर्सिंग स्टॉफ के साथ वेतन दिए जाने में भेदभाव किया जा रहा है। ज्ञापन में प्रचलित वेतनमान का शतप्रतिशत वेतन भुगतान करने और मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के भेदभाव पूर्ण आदेश को निरस्त किए जाने की मांग भी की गई। इस अवसर पर करिश्मा कामले, रंजना सैयाम, पूणा मालवीय, जागृति तुरकर, प्रियंका साहु, साक्षी पाल, माधुरी मौरे, मनीषा बरेठा, अनामिका संत, काजल बंजारा, सोनू आदि नर्सिंग स्टॉफ मौजूद था।
