बलाई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बामनिया ने बनवाया माता-पिता का मंदिर
शाजापुर। नुक्ता प्रथा को बंद करते हुए बलाई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अनूठी पहल करते हुए मंदिर का निर्माण कर उसमें माता-पिता की प्रतिमा स्थापित कर दी है। साथ ही समाज के लोगों से भी अनुरोध किया है कि वे भी नुक्ता की प्रथा को समाप्त कर अपने माता-पिता की प्रतिमा बनवाकर उनकी पूजा पाठ करें। ग्राम लौंदिया में रहने वाले अखिल भारतीय बलाई महासभा के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष दिलीपसिंह बामनिया ने बताया कि उन्होने अपनी पिता अम्बाराम बामनिया की प्रेरणा से नुक्ता प्रथा को बंद किया और माता श्रीमती रामूबाई बामनिया और लालजीराम की प्रतिमा बनवाई जिसकी 15 मार्च 2021 को गांव में मंदिर बनवाकर विधि-विधान के साथ उसमें स्थापना की गई। इस
दौरान बामनिया ने कहा कि बलाई समाज में नुक्तप्रथा को बंद करके नई पहल शुरू की गई है, और समाज से अपील है कि वे इस नवीन परंपरा को निभाते हुए नुक्ता की कुप्रथा को हमेशा के लिए बन्द कर दें। साथ ही इस प्रथा की जगह अपने माता-पिता पूर्वजों की प्रतिमा लगाकर उनकी पूजा-अर्चना करें, क्योंकि मां-बाप से बढक़र दुनिया में ओर कोई अनमोल नही। उन्होने कहा कि इस धरती पर माता-पिता ही ऐसी शख्सियत हैं जो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा, संस्कार देकर समाज में नाम देते हैं। ऐसे में हम अपने माता-पिता का मंदिर बनाएं और भगवान के साथ-साथ उनकी भी पूजा करें। गंगा पूजा के साथ हुआ भंडारा
ग्राम दिल्लौद में माता-पिता मंदिर की स्थापना के पूर्व गंगा विवाह और भण्डारे का आयोजन किया गया। इस दौरान गांव में शोभायात्रा भी निकाली गई। साथ ही इस मौके पर यज्ञ में आहुतियां डालकर मंदिर में प्रतिमाओं को विराजित किया गया। इस मौके पर बलाई महासभा के प्रदेश अध्यक्ष गोपालसिंह इंजीनियर, युवा प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंदल सहित 2000 से अधिक लोग शामिल हुए। बामनिया ने समाज के लोगों से अनुरोध किया है कि वे कुप्रथाओं का त्याग करें। इस दौरान सुमनसिंह मंगरोलिया और उनकी टीम द्वारा कबीर भजन की शानदार प्रस्तुति दी गई।