शाजापुर। मृत जीजा को देखने से पहले एम्बुलेंस 108 के पायलेट द्वारा अपने फर्ज को तवज्जो देते हुए गंभीर मरीज को अस्पताल पहुंचाने को प्राथमिकता दी गई। संजीवनी 108 पर तैनात पायलेट राहुल सोलंकी को बुधवार शाम को घर से फोन आया कि इंदौर में उसके जीजा का निधन हो गया है, इस पर पायलेट सोच में पड़ गया कि क्या किया जाए, क्योंकि वह उस वक्त ड्यूटी पर था और एक गंभीर रैफर कोविड मरीज को लेकर ईएमटी जितेन्द्र देवतवाल के साथ अमलतास देवास जा रहा था। जीजा की दुखद सूचना और दूसरी तरफ गंभीर कोविड मरीज को अमलतास अस्पताल पहुंचाकर उसकी जिंदगी बचाने का फर्ज, दो ऐसी सूचनाएं जिन्होने 108 के पायलेट राहुल सोलंकी को कुछ पल के लिए अनिर्णय के दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया कि आखिर वह पहले बिलखते परिवार को जाकर संभाले या ड्यूटी पूरी करे। इस पर साथियों ने घर जाने पर जोर दिया, लेकिन पायलेट ने अपने रिश्तों को अहमियत देने से ज्यादा फर्ज को तवज्जो दी और गंभीर मरीज को अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई।
