शाजापुर। मोहिनी एकादशी पर ठाकुरजी की मोहिनी स्वरूप में श्रंगार कर पूजा-अर्चना की गई। स्थानीय औदिच्य समाज धर्मशाला परिसर में विराजित भगवान द्वारकाधीश का नथ, टिका, पायजेब और चोंटी पहनाने के साथ सौलाह श्रंगार किया गया। पंडित अशोक व्यास ने बताया कि मान्यता के अनुसार भगवान शिव को भस्मासुर से बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने एकादशी के दिन मोहिनी रूप धारण कर उसके साथ नृत्य करके भस्मासुर नामक राक्षस को भस्म किया था, तभी से इस दिन को मोहिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर भगवान की पूजा-अर्चना कर प्रसादी का वितरण किया गया।
