शाजापुर। मानसून की दस्तक के बाद से ही जिले में खरीफ फसल की तैयारी तेज हो गई है और किसान खेतों की जुताई में जुट गए हैं और जल्द ही बुआई का काम शुरू हो जाएगा। हालांकि कुछ किसान बोवनी के काम को निपटा भी चुके हैं। उल्लेखनीय है कि मानसून की दस्तक में अभी देरी है, लेकिन बीते दिनों हुई तेज बारिश के बाद किसानों द्वारा खेत की मिट्टी को पलटने का काम किया जा रहा है। सुविधा संपन्न किसान समय की बचत करने के लिए ट्रैक्टर और अन्य कृषि यंत्रों का जमकर उपयोग करते हुए खेतों को तैयार कर रहे हैं। बारिश में किसानों को जहां बोवनी करने की चिंता है तो वहीं कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को बारिश में अपने छज्जे टपकने का भय सता रहा है, और इसी भय के चलते बाजारों में चद्दर, कवेलू और तिरपाल की मांग भी बढऩे लगी है।
हर वर्ष बढ़ रही लागत
गौरतलब है कि खाद-बीज के साथ ही खेती किसानी के अन्य सामान प्रतिवर्ष महंगे होते दिखाई दे रहे हैं, जिसके कारण भी किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का मानना है कि ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, थ्रेशर जैसी आधुनिक मशीनों के आ जाने से मजदूरों पर निर्भरता काफी हद तक कम हो गई है और खेती करना पहले से सरल जरूर हो गया है, लेकिन लागत भी काफी हद तक बढ़ गई है, क्योंकि पेट्रोल-डीजल के महंगें दामों के कारण ट्रैक्टर का भाड़ा पहले से चार गुना ज्यादा बढ़ गया है। हालांकि इसके बाद भी ट्रैक्टर से खेतों की जुताई का काम करना मजबूरी बन गया है। किसानों ने बताया कि पेट्रोल-डीजल के साथ ही खाद-बीज के दामों ने भी इस वर्ष कमर तोड़ दी है।
