बिजली कटौती का सिलसिला भी जारी, हलाकान हो रहे शहरवासी
शाजापुर। लोगों को मनमाने ढंग से बिजली बिल थमाकर मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताडि़त करने वाली बिजली कंपनी के खिलाफ भाजपा द्वारा दिए गए ज्ञापन के बाद भी अधिकारी अपनी मनमानी से बाज नही आ रहे हैं। यही कारण है कि लोगों को अब भी भारीभरकम राशि के बिल थमाकर परेशान किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के चलते जिलेभर में लॉक डाउन किया था। ऐसे में हर वर्ग का व्यक्ति आर्थिक संकट से जुझ रहा है, लेकिन बावजूद इसके बिजली कंपनी के जिम्मेदार मनमाने ढंग से बिजली बिल थमाकर लोगों की जान पर मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। बिजली कंपनी के अधिकारियों की मनमानी का आलम यह है कि वे लोगों को 2 हजार रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक का बिल एवरेज के नाम पर थमा रहे हैं और बढ़ी हुई राशि के बिल कम कराने पहुंच रहे उपभोक्ताओं के बिल भी कम नही किए जा रहे हैं।
बंद दुकानों के भी थमाए बिल
गौरतलब है कि 55 दिनों के लॉक डाउन में सभी तरह को छोटे-बड़े कारोबार पूरी तरह से बंद रहे, लेकिन बावजूद इसके बिजली कंपनी के कर्मचारियों ने मनमाने ढंग से बंद दुकानें के ही 2 हजार से लेकर 7 हजार रुपए तक के बिल थमा दिए हैं। वहीं घरेलू बिलों में भी जमकर बढ़ोत्तरी की गई है, जिसको लेकर भाजपा ने अधिकारियों को चेतावनी भी दी थी कि वे अपनी मनमानी से बाज आएं, लेकिन अपनी हठधर्मिता के आगे जनप्रतिनिधियों की बात भी जिम्मेदार मानने को तैयार नही हैं और उपभोक्ताओं को मनमाने बिजली बिल थमाए जाने का सिलसिला बेरोक टोक जारी है।
बिजली की लुकाछिपी जारी
बिजली कंपनी शहर के बाशिंदों पर दोहरा प्रहार कर परेशान कर रही है। पहले तो मनमाने ढंग से लोगों को बिजली बिल थमाकर सताया जा रहा है। वहीं रही सही कसर अघोषित बिजली कटौती कर पूरी की जा रही है। जिम्मेदारों की उदासीनता का आलम यह कि हर रात शहर के अधिकांश इलाकों में घंटों बिजली कटौती की जा रही है। रविवार रात शहर के महूपुरा सहित दर्जनों मोहल्लों में शाम 6 बजे से बिजली गुल कर दी गई जो रात करीब 11 बजे लौटी। इसीके साथ लखमनखेड़ी 24 घंटे वाली ग्रीड की बिजली बिल रात से गुल हुई तो सोमवार शाम 5 बजे तक भी नही आ सकी। स्थानीय दुकानदारों ने मामले की शिकायत इंदौर हेल्पलाइन पर भी दर्ज कराई, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से नही लिया और उपभोक्ताओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
