शाजापुर। किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर कलेक्टर कार्यालय के बाहर भारतीय किसान संघ द्वारा किया जा रहा तीन दिवसीय धरना आंदोलन मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर संपन्न हुआ। इस दौरान चेतावनी दी गई कि यदि मांग पूरी नही की गई तो पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। शनिवार को मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार राजाराम करजरे को सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई कि खरीफ 2020 में अतिवृष्टि से खराब हुई सोयाबीन की फसल बीमा क्लेम की राशि आज तक बीमा धारक किसानों के खाते में नहीं डाली गई, इसे जल्द ही किसानों के खाते में डाला जाए, वर्ष 2020 खरीफ में अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों की संपूर्ण मौजा राशि में से 33 प्रतिशत बाकि है इसे भी जल्द किसानों के खाते में डाला जाए, वर्तमान रबि वर्ष 2021 में किसानों को खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है और जिले के किसानों को सहकारी संस्था के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। उक्त समस्या का भी समाधान किया जाए। खाद की कालाबाजारी करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराई जाए, जिले में राजस्व विभाग द्वारा किए जा रहे रिकार्ड शुद्धिकरण पखवाड़े के अन्तर्गत वर्तमान में अनके किसानों को जानकारी के आभाव में इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है, इसके लिए प्रतिदिन प्रत्येक तह कार्यालय में केम्प लगाया जाए ताकि सरलता से किसानों को रिकार्ड संबंधित समस्या का निराकरण हो सके। जय किसान कर्ज माफी योजना के अन्तर्गत वर्ष 2019 के बाद अनेक किसानों के बैंक का ऋण एवं ब्याज ओवरड्यू हो चुका है और जिनको योजना का लाभ नहीं मिला है उन्हें योजना का लाभ दिलवाकर ऋण मुक्त किया जाए। ज्ञापन देते समय अनिल पाटीदार, राजबहादुरसिंह गुर्जर, जिला मीडिया प्रभारी मुकेश पाटीदार, ललित नागर, सत्यनारायण पाटीदार, गजराजसिंह राजपूत, रामचंद्र, ज्ञानसिंह गुर्जर, गोपालसिंह सेन, देवीलाल पाटीदार, इंदूसिंह गुर्जर, नरेंद्र पाटीदार, संतोष पाटीदार, नीलेश पाटीदार, बाबूलाल, नाथूसिंह, रतनसिंह, गोपालदास सेन, दिनेश मंडलोई, सौदानसिंह, बलवंतसिंह सेंधव, कमल कराड़ा सहित किसान उपस्थित थे।
