मोदी सरकार द्वारा कृषि कानून वापस लेने पर कांग्रेस ने किसानों की जीत का जश्न मनाते हुए की आतिशबाजी
शाजापुर। लंबे समय से संघर्ष कर रहे किसानों की आखिरकार जीत हुई और मोदी सरकार का अभिमान टूट गया। सैकड़ों किसानों की शहादत के बाद यूपी चुनाव के डर से घबराए प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि बिल को वापस लेने का फैसला किया। पहले जो सरकार किसानों को खालिस्तानी और आतंकवादी कह रही थी वही सरकार आज किसानों से हाथ जोडक़र माफी मांग रही है। यह बातें शुक्रवार को शाजापुर बस स्टैंड पर किसानों की जीत का जश्न मनाते हुए ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष इरशाद खान ने कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा तीनों कृषि कानून बिल वापस लिए जाने के फैसले के बाद बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता बस स्टैंड पहुंचे और यहां किसानों के समर्थन में नारे लगाते हुए आतिशबाजी की। इस दौरान ब्लॉक अध्यक्ष खान ने कहा कि तपती धूप, बारिश और सर्द हवाओं के बीच किसान अपने हक के लिए मोदी सरकार के खिलाफ तीनों काले कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करते रहे। मोदी सरकार की तानाशाही के कारण सैकड़ों किसान शहीद हो गए, लेकिन जब उप चुनाव में भाजपा को करारी हार मिली तो केंद्र सरकार की नींद उड़ गई और सरकार को 2022 के यूपी चुनाव में हार साफ दिखाई देने लगी जिसके डर से सरकार ने तीनों काले कानून को वापस लेने का फैसला किया। वहीं नरेश कप्तान ने कहा कि सरकार द्वारा कृषि कानून बिल का वापस लिया जाना प्रधानमंत्री मोदी की हार और किसानों की जीत है। कप्तान ने कहा कि सरकार की तानाशाही के कारण सैकड़ों किसानों की मौत हो गई, लेकिन मोदी सरकार की नींद नही खुली। किसान कानून के विरोध में प्रदर्शन करते रहे परंतु उनकी सुनवाई करने की बजाय किसानों को आतंकी और खालिस्तानी कहा गया। गांधीवादी तरीके से अपने अधिकार के लिए प्रदर्शन करते रहे किसानों की अंत में जीत हो ही गई और सरकार को काले कानून वापस लेना पड़े। प्रदर्शन के दौरान राजेश पारछे, इरशाद नागौरी, दीपक निगम सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी मौजूद थे।