शाजापुर। अल्प वेतन मिलने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहीं आशा-उषा कार्यकर्ताओं ने आगामी दिनों में होने वाले प्रदर्शन को लेकर बैठक आयोजित कर रणनीति बनाई। रविवार को मां राजराजेश्वरी मंदिर प्रांगण में आशा, उषा और सहयोगिनी कार्यकर्ताओं की बैठक प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी कौरव के नेतृत्व में आयोजित की गई, जिसमें आसपास की आशा, उषा, कार्यकर्ताएं शामिल हुईं। इस मौके पर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हीरादेवी चन्देल ने कहा कि महंगाई
के दौर में आशा उषा 24 घण्टे अपनी ड्यूटी अस्पताल और अन्य विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन में दे रही हैं, लेकिन आज भी वेतन के नाम पर कार्यकर्ताओं को महज 2000 रुपए दिया जा रहा है, ऐसे में परिवार का भरण पोषण और तीज त्यौहार की खुशियां मनाना बेहद मुश्किलभरा साबित हो रहा है। सरकार द्वारा भी कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव करते हुए मांग पूरी करने की बजाय महज आश्वासन ही दिया जा रहा है। बैठक में निर्णय लिया गया कि शासन की पक्षपातपूर्ण और उदासीन कार्यशैली को लेकर आगामी दीपावली पर्व पर भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर दीपक लगाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
इस मौके पर हीरादेवी ने कहा कि बेहद अल्प मानदेय पर कार्यकर्ता दिन रात काम करती हैं, ऐसे में उन्हे नियमित किया जाना नित्यांत आवश्यक है। सरकार आशा-उषा कार्यकर्ताओं को 10 हजार रुपए प्रतिमाह का वेतन दे। वहीं सहयोगिनी को 15 हजार रुपए वेतन दिया जाए। कार्यकर्ताओं को दैनिक भत्ता दिया जाए, गर्भवती को अस्पताल ले जाने के दौरान कार्यकर्ताओं को अस्पताल में ही रात गुजारनी पड़ती है इसलिए उनके लिए अलग से कक्ष की व्यवस्था की जाए, कार्यकर्ताओं का बीमा किया जाए, कागजी कार्रवाई कम से कम की जाए, आशा सहयोगी को सुपरवाईजर का दर्जा दिया जाए।