गोवर्धननाथ की पूजा कर मांगी समृद्धि, गांव में खिलाया छेड़ा
शाजापुर। दीपावली पर्व पर मां लक्ष्मी की पूजा कर समृद्धि की कामना करने के बाद शहरवासियों ने शुक्रवार को पड़वा पर भगवान गोवर्धन की पूजन कर सुख-शांति मांगी। गौरतलब है कि हिंदू परम्परा के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवता का वास होता है, जिसके पूजन से पुण्य मिलता है और इसी मान्यता के चलते इस दिन गाय को पशुधन सामग्री एवं मेहंदी लगाकर आकर्षक रूप से सजाया गया। वहीं गोबर से बने गोवर्धन का विधि-विधान से पूजन कर मान्यता अनुसार गाय के द्वारा कुचला गया। उल्लेखनीय है कि दीपोत्सव के अगले दिन सुहाग पड़वा पर शहरवासियों ने प्राचीन परंपरा का निर्वहन करते हुए सुबह जल्दी स्नान कर मंदिरों में दर्शन किए और इसके बाद गोवर्धन पर्वत स्वरूप गोबर से पर्वत का निर्माण कर उसकी पूजा-अर्चना की। शहर में गोर्वधन पूजा के साथ ही लोगों ने गोवंश की पूजा-अर्चना भी की। इस दिन पशुओं का विशेष शृंगार किया गया और उनकी पूजा कर आतिशबाजी कर लोगों ने अपने उत्साह का परिचय दिया।
गवली समाज ने निभाई परंपरा
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी दीपावली के दूसरे दिन गवली समाज द्वारा वर्षों पुरानी परंपरा निभाई गई और इस दिन समाज के लोगों ने गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के साथ ही बच्चों को गोबर में गिराया। समाजजनों ने बताया कि मान्यतानुसार बीमारी से बचाव और वर्षभर सुरक्षा की कामना लेकर बच्चों को गोबर से नहलाया जाता है और यह परंपरा महाभारत काल से ही समाज निभाता आ रहा है जो आज भी जारी है। वहीं ग्रामीण अंचलों में पुरानी परंपरा के चलते ग्रामीणों ने गाय के साथ छेड़ा खेला गया। समीपस्थ ग्राम साप्टी में गांव के लोगों ने गाय के साथ जोर आजमाईश की।
कांजी हाउस में हुई गायों की पूजा
पड़वा के दिन घर-घर गोबर से बने गोवर्धन पर्वत की पूजा की गई। वहीं गोवंशों की सजावट कर उनकी पूजा भी की गई। इसी कड़ी में स्थानीय लालपुरा स्थित कांजी हाउस में गौरक्षा सेना द्वारा बीमार बेसहारा गायों का आकर्षक श्रंगार कर उनकी विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना की। इस दौरान धर्मेंद्र शर्मा सहित गोरक्षक मौजूद थे। इसी तरह मंदिरों में पड़वा के दिन भगवान का मनोहारी श्रंगार कर छप्पन पकवानों का भोग लगाया गया।
