शाजापुर। सपनों को पंख देने के लिए शिक्षा जरूरी है। ऐसे में हर माता-पिता अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए अपनी जमापूंजी उन पर खर्च कर देते हैं, लेकिन शिक्षा दिनों-दिन महंगी होती जा रही है जिसके कारण हायर एज्युकेशन के लिए माता-पिता की सेविंग कम पड़ जाती है और उन्हे एज्युकेशन लोन का सहारा लेना पड़ता है। बावजूद इसके बैंक के जिम्मेदारों की वजह से कई विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण नही मिल पाता है और उन्हे शिक्षा छोडऩी पड़ती है। जिले के गरीब परिवार की दो बेटियों का सपना भी टूटकर बिखरने वाला है, परंतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की मदद से बेटियों का करियर बिखरने से बच गया। ग्राम झोंकर की गरीब छात्राओं की शिक्षा के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाजापुर द्वारा शिक्षा ऋण स्वीकृत कराने में अहम भूमिका निभाई गई। छात्रा विजेयता पिता प्रेमनारायण मालवीय और तरूणा पिता ईश्वरलाल मालवीय गरीब परिवार से हैं और उनके माता-पिता मजदूरी करते हैं। ऐसे में दोनों छात्राओं को बीएससी नर्सिंग का कोर्स करने में आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा था। दोनों छात्राओं ने बैंक में जाकर शिक्षा ऋण लेने हेतु आवेदन किया था, जो लम्बी अवधि तक स्वीकार नही हुआ। वहीं दोनों छात्राओं द्वारा जनसुनवाई में भी आवेदन दिया गया किंतु यहां से भी समस्या हल नही हुई। इस पर एज्युकेशन लोन नहीं मिलने पर निराश हुई दोनों छात्राओं ने विधिक सेवा प्राधिकरण से सहायता करने का अनुरोध किया। छात्राओं ने प्राधिकरण सचिव राजेन्द्र देवड़ा को अपनी सारी परेशानियां बताई, इस पर सचिव देवड़ा द्वारा मामला संज्ञान में लेकर अग्रणी बैंक प्रबंधक ललित आचार्य एवं शाखा प्रबंधक विवेक चौधरी बैंक ऑफ इंडिया मक्सी को बुलाकर चर्चा की और शिक्षा ऋण स्वीकृत कराया। न्यायाधीश देवड़ा ने मंगलवार को छात्राओं के सपनों को पंख दिए और अपने हाथों से स्वीकृत ऋण आदेश दिया। शिक्षा ऋण मिलने पर दोनों छात्राओं और उनके माता-पिता द्वारा खुशी के साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला जज देवड़ा को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर बैंक अधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी भी उपस्थित थे।
