शाजापुर। जेल में बंदियों को उनके अधिकार, कर्तव्य, कानूनी सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष सुरेंद्रकुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्र्शन, सचिव राजेन्द्र देवड़ा के निर्देशन में रविवार को जिला जेल शाजापुर में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में जिला प्राधिकरण के कर्मचारी मनोहरसिंह मालवीय ने बंदियों को बच्चों की देखरेख, उनके कानूनी अधिकार के बारे में बताया गया। वहीं उप अधीक्षक जेल गोपालसिंह गौतम ने बंदियों को प्राधिकरण की मुहिम पहल के उद्देश्य के बारे में जागरूक किया। उन्होने बंदी अधिनियम के अंतर्गत बंदियों के अधिकारों व उनके कर्तव्यों के बारे में बताया। उन्होने कहा कि बंदियों को मुफ्त कानूनी सहायता पाने, वकील से परामर्श, चिकित्सा सुविधा, पत्र व्यवहार, परिजनों से मिलने, विधियों के समक्ष समानता, जमानत का, मताधिकार का, मनोरंजन की सुविधा, रहन-सहन और भोजन की सुविधा, जेल में किए गए कार्य की न्यूनतम मजदूरी पाने, अपील और रिवीजन के लिए मुफ्त कानूनी सहायता, पढऩे-लिखने के लिए, व्यायाम, योग और धार्मिक कार्यकलापों के लिए सुविधा का कानूनी अधिकार प्राप्त है। उन्होने बताया कि जेल में साफ-सफाई और अनुशासन बनाए रखना बंदियों का कर्तव्य है और जेल में मोबाइल, नशीले पदार्थों, हथियारों को लाना प्रतिबंधित है। शिविर में बंदियों को दीवानी, फौजदारी, राजस्व, जमानत तथा बंदियों के आश्रितों के लिए पेंशन योजना, अन्य योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई। शिविर के माध्यम से तीन बंदियों की मुफ्त कानूनी सहायता व सजायाफ्ता बंदियों के आश्रितों को पेंशन लाभ के लिए लिखित दरखास्त भी तैयार करवाई गई। इसी क्रम में आजादी के अमृत महोत्सव पर जिला न्यायालय के सौजन्य से जिला जेल शाजापुर में अच्छे आचरण वाले 20 बंदियों को, फूल माला पहनाकर श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर कोआर्डिनेटर जेद खान मौजूद रहे।
