शाजापुर। मां भवानी की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि मंगलवार को घट स्थापना के साथ शुरू हुआ। इस दौरान मां जगदंबा का आकर्षक श्रंगार किया गया। हालांकि इस वर्ष कोरोना वायरस के कहर की वजह से मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ नही रही और श्रद्धालुओं ने घरों पर ही पूजा-अर्चना की। उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्रि पर राजराजेश्वरी मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब उमड़ता है और उनके मनोरंजन के लिए पंद्रह दिवसीय मेले का आयोजन भी किया जाता है, लेकिन गतवर्ष की तरह इस वर्ष भी कोरोना की वजह से मेले को निरस्त कर दिया गया। सुबह के समय कलेक्टर दिनेश जैन, अरूण भीमावद ने राजराजेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना कर घट स्थापना की। उल्लेखनीय है कि घट स्थापना के साथ ही त्रिपुरसुंदरी मां जगदंबा की आराधना का दौर भी आरंभ हो गया है और अब भक्त माता रानी को मनाने के लिए नौ दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना करेंगे। नवरात्रि के पहले दिन भक्तों ने मां शैलपुत्री स्वरूप की पूजा कर मंगलकामनाएं की। वहीं नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन भक्तों के द्वारा उपवास रखकर दुर्गा सप्तशती देवी का पाठ किया जाएगा और मां भवानी को मनाने और उनकी कृपा दृष्टि पाने के लिए उपवास भी किए जाएंगे। इसीके साथ कुछ भक्तों के द्वारा पूरे नौ दिनों तक अपनी मनोकामना पूर्ण कराने के लिए नंगे पैर रहकर भी आराधना की जाएगी।
हिंदू नववर्ष पर हुई गुड़ी की पूजा, महिलाओं ने किया शंखनाद
शाजापुर। मां आदी शक्ति की भक्ति के पर्व चैत्र नवरात्रि के शुरू होने के साथ ही हिंदू नववर्ष का भी मगंलवार से शुभारंभ हुआ और इस दिन को गुड़ी पड़वा के रूप मनाते हुए सूर्योपासना के साथ आरोग्य-समृद्धि और पवित्र आचरण की कामना की गई। इसीके साथ घर-घर में विजय के प्रतीक स्वरूप गुड़ी सजाकर उसकी पूजा-अर्चना की गई। वहीं हिंदू नव वर्ष के मौके पर सुबह के समय महिलाओं और पुरूषों ने सूर्य को अध्र्य देकर पूजा*पाठ की। साथ नव वर्ष के आरंभ पर शंखनाद किया। उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष गुड़ी पड़वा पर सामाजिक संगठनों द्वारा विभिन्न आयोजन किए जाते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते सार्वजनिक तौर पर किसी भी प्रकार के आयोजन नही किए गए और घरों पर ही नव वर्ष के आगमन पर पूजा-पाठ किया गया।