| कोरोना आजकल ||
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साथ साथ चले कोरोना आजकल।
भाई ! मुह पर मास्क लगाकर चल।।
चारो तरफ कोरोना लहर अविचल।
पुर्वांचल से लेकर तक पश्चिमांचल।।
दक्षिण से लहर हो सकती हिमाचल।
हे वैक्सीन मास्क दूरी ही प्रबल हल।।
हे सांसों में जहरीली हवा रही मचल।
ये बदन में न समा जाए रहो चंचल।।
जीव आवास बनाया कंक्रीट जंगल।
बगिया में खोली है होटल रत्नाचल।।
अब कैसे उमड़ेंगे सौरभ के बादल।
बजाओ पर्यावरण संरक्षा का बिगुल।
मरे चूहे पे मानवी कौए की हलचल।
आज न संभले तो क्या होगा कल।
हर मोसम कोरोना संक्रमण सचल।
हाथों में क्रांति का ध्वज लेके चल।।
कुदरत के साथ किया मानव ने छल।
भाई ! मुह पर मास्क लगाकर चल।।
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रचानाकार के पत्र व्यवहार का पता –
– जितेन्द्र देवतवाल ‘ज्वलंत’
निवास : 174/2, वन्देमातरम, आदर्श कालोनी हनुमान मंदिर के पास, शाजापुर- 465 001 [मध्य प्रदेश]
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सम्पर्क मोबाइल : 91794 82452
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