शाजापुर। प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के विरोध में मध्यप्रदेश प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ जिला इकाई द्वारा अशासकीय स्कूलों की समस्याओं को लेकर शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार के गृह नगर शुजालपुर में भैंस के आगे बीन बजाई गई। वहीं 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। गुरुवार को जिलेभर के निजी स्कूल संचालक शुजालपुर पहुंचे और एसडीएम कार्यालय के बाहर भैंस के आगे बीन बजाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही ज्ञापन सौंपकर मांग की गई कि कोरोना संक्रमण की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए छात्रों की संक्रमण से सुरक्षा के मापदंड तय करते हुए विद्यालय को क्रमश: स्थितियों के अनुसार खोले जाने हेतु दिशा निर्देश जारी किए जाएं, मध्यप्रदेश शासन को केंद्र से मांग कर विद्यार्थियों के टीकाकरण की व्यवस्था करवा कर बालकों की सहमति से छात्रों को विद्यालय में शिक्षण हेतु बुलाया जाए, साथ ही विद्यालयों में कार्यरत स्टॉफ कर्मियों का टीकाकरण शीघ्र कराया जाए, कक्षा नर्सरी से बारहवीं तक के विद्यार्थी जहां-जहां अध्ययनरत हैं, वर्तमान में वह इसी सत्र में वहीं रहें सिर्फ पूर्ण शुल्क जमा उपरांत स्थानांतरण के प्रकरणों को छोडक़र किसी अन्य विद्यालय में प्रवेश न दिया जाए, अशासकीय विद्यालय पूर्ववत सुचारू रूप से प्रारंभ ना हो तब तक बैंकों की राशियों को ब्याज मुक्त एवं बाद में जमा करने की सुविधा दी जाए, समस्त राजस्व विद्युत परिवहन आदि विभागों व्यवसायिक दरों से संधारित राशियों को घरेलू दरों पर पुन: निर्धारण कर समायोजित किया जाए, अशासकीय विद्यालय द्वारा उनकी परिस्थितियों अनुसार वैकल्पिक शिक्षण व्यवस्था ऑनलाइन व्हाट्सएप ऐप, मोहल्ला कक्षाएं प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण एवं अन्य से शिक्षण की अनुमति दी जाए, जो पालक सक्षम होते हुए भी विद्यालयों के पूर्वर्ती शेष शुल्क राशि को जमा नहीं कर रहें, ऐसे समस्त छात्रों को शिक्षा उन्नति करने हेतु अशासकीय विद्यालयों को मजबूर नही किया जाए, आरटीई सत्र 2020-21 एवं पूर्ववर्ती वर्षों की शेष राशि जारी करवा कर त्वरित रूप से दी जाए, विद्यालयों की मान्यता नवीनीकरण हेतु 5 वर्ष की मान्यता मात्र आवेदन के आधार पर परिस्थितियों के आधार पर प्रदान की जाए, जिससे कि स्कूल संचालक को कोरोना संक्रमणकाल में राहत मिल सके, हाईकोर्ट के आदेशानुसार अशासकीय विद्यालयों के संचालकों के मध्य शुल्क जमा नही करने से संबंधित समस्याओं के निराकरण विद्यालय स्तर पर ही करने के दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, धारा 27 एवं धारा 28 हेतु प्रतिवर्ष जमा की जाने वाले शुल्क को 2000 से घटाकर पूर्ववत 200 रुपए किया जाए एवं सत्र 2020-21, 2021-22 को अधिभार से मुक्त किया जाए। साथ ही ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि यदि मांगों को शीघ्र ही पूरा नही किया गया तो आगामी दिनों में निजी स्कूल संचालक प्रदेश स्तर पर उग्र आंदोलन करेंगे।
