शत्रुंजय गिरीराज की सात यात्रा पूरी कर लौटने पर निकाला चल समारोह
शाजापुर। दो दिन बेला यानि निराहार उपवास रखकर दादा आदिनाथ के पावन दरबार तीर्थाधिराज शत्रुंजय गिरीराज की चढ़ाई करके दुर्लभ सात यात्रा पूरी करने वाले समाज के चार युवारत्नों के सकुशल नगर आगमन पर जैन समाज द्वारा चल समारोह निकालकर उनका अभिनंदन किया गया। समाज के मीडिया प्रभारी मंगल नाहर ने बताया कि प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 26 और 27 फरवरी को गुजरात के पालीताना तीर्थ में सात यात्रा का धार्मिक आयोजन हुआ, जिसमें देशभर से बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए। उक्त यात्रा का हिस्सा बनने के लिए शाजापुर नगर से भी समाज के युवारत्न विपिन ठाकुरिया, रोहित ठाकुरिया, हर्षल मांडलिक और सुजल पावेचा भी 24 फरवरी को सुश्रावक मनीष जैन के साथ रवाना हुए थे। 25 फरवरी को पालीताना पहुंचने के बाद 26 फरवरी से बिना अन्नजल ग्रहण किए शुरू हुई धार्मिक यात्रा के दौरान युवाओं ने 4 हजार 300 सीढिय़ों की चढ़ाई दो दिन की तय सीमा में पूरी करके शाजापुर की धरा का धर्म ध्वज दादा आदिनाथ के पावन धाम में भी लहरा दिया। यात्रा पूर्ण कर वापस शाजापुर लौटने पर सोमवार को समाजजनों द्वारा अभिनंदन स्वरूप नगर में चल समारोह निकालकर उनका स्वागत किया। चल समारोह स्थानीय बस स्टैंड स्थित जीवाजीराव क्लब से प्रारंभ होकर पाइंट चौराहा, फव्वारा चौराहा, टॉकीज चौराहा, नई सडक़, आजाद चौक और कसेरा बाजार होते हुए ओसवालसेरी स्थित जैन उपाश्रय पहुंचकर सम्पन्न हुआ। इस दौरान यात्रा कर लौटे चारों तपस्वी अश्वरथ बग्गी में सवार रहे। वहीं समाजजनों ने जैन भजनों की धुनों पर जमकर झूमते-नाचते हुए सभी का भावपूर्ण अभिनंदन किया। चल समारोह के मुख्य लाभार्थी राजमल सुशीला पावेचा, सुरेश मधुबाला ठाकुरिया, महेश रेखा ठाकुरिया, नवीनचन्द्र प्रकाशचन्द्र जैन परिवार थे।
युवारत्नों का समाजजनों ने किया आत्मीय बहुमान
सात यात्रा की कठोर साधना को अपने आध्यात्मिक आत्मबल से तय सीमा में पूर्ण करने वाले विपिन ठाकुरिया 24, रोहित ठाकुरिया 16, सुजल पावेचा 16 और हर्षल मांडलिक 17 वर्ष का चल समारोह के पूर्व जीवाजी राव क्लब में जैन सोशल ग्रुप और प्रयास ग्रुप सहित समाजजनों द्वारा शाल तथा श्रीफल भेंटकर आत्मीय बहुमान किया गया।
