शाजापुर। जीवन रक्षा हेतु स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से शनिवार को न्यायालय परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। मां सरस्वती की प्रतिमा पर जिला न्यायाधीश द्वारा माल्यार्पण कर शिविर का शुभारंभ किया गया। इसके बाद सबसे पहले अपर जिला न्यायाधीश राजेन्द्र देवड़ा ने रक्तदान किया और सभी को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि रक्त की हर बूंद संजीवनी है, ऐसे में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में कोई भी रक्तदाता शामिल होकर जरूरतमदों की मदद के लिए खून दे सकता है। वहीं जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेन्द्रकुमार श्रीवास्तव ने कहा कि आपके द्वारा किया गया रक्तदान किसी को भी जीवन दे सकता है। परोपकार करना हो तो रक्तदान करो इससे लोगों का जीवन बचाने का सौभाग्य मिलता है। शिविर में मौजूद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजू निदारिया ने बताया कि रक्तदान करने से शरीर में खून का थक्का नहीं जमता है जिससे हार्ट अटैक की आशंका भी बहुत कम हो जाती है। इसलिए प्रत्येक तीन माह पश्चात रक्तदान करना चाहिए। उन्होने कहा कि 18 वर्ष की आयु पूर्ण करके अधिकतम 65 वर्ष की आयु के व्यक्ति यदि स्वस्थ हैं तो रक्तदान कर सकते हैं। शिविर में न्यायाधीशों, कर्मचारियों और अभिभाषकों ने 109 यूनिट रक्तदान किया।
